बिलासपुर। बिलासपुर के तिलकनगर राम मंदिर के पास अरपा तटवर्धन योजना का बैचिंग प्लांट आसपास के रहवासियों के लिए गंभीर संकट बन गया है। लगभग डेढ़ साल पहले योजना का काम पूरा हो गया, लेकिन प्लांट से रेत, सीमेंट, और गिट्टी का अवैध परिवहन अब भी जारी है। प्लांट से उड़ने वाली धूल और सीमेंट के कणों ने पेड़ों की पत्तियों, घरों की दीवारों और वातावरण को प्रदूषित कर दिया है। इससे स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
बिलासपुर के तिलकनगर में अरपा तटवर्धन योजना का बैचिंग प्लांट रहवासियों के लिए संकट बन गया है। डेढ़ साल पहले काम पूरा होने के बावजूद अवैध रेत-सीमेंट परिवहन जारी है। उड़ती धूल और कणों से पेड़-पौधे, घर और वातावरण प्रदूषित हैं, जिससे जनस्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है। कंक्रीट मिक्स्चर के अवशेष मोहल्ले के नाले-नालियों को जाम कर रहे हैं, जिससे गंदगी और बदबू का माहौल बन गया है। स्थानीय रहवासियों का आरोप है कि कलेक्टर के निर्देशों के बावजूद 24 घंटे भारी कंक्रीट मिक्सचर लोड गाड़ियां निगम और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के टैग लगाकर बेधड़क चल रही हैं।
इससे स्पष्ट होता है कि ठेका कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए प्रशासन जनता की समस्याओं की अनदेखी कर रहा है। लोगों की मांग है कि काम बंद होने के बाद इस प्लांट को पूरी तरह बंद किया जाए और नदी के रेत के उपयोग पर नियमों के अनुसार रोक लगाई जाए। प्रशासन की यह लापरवाही न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन स्तर के साथ खिलवाड़ भी कर रही है।