सीएम योगी के आवास के पास आत्मदाह करने वाली उन्नाव की अंजलि जाटव की मौत, बेटे को सड़क किनारे बैठाकर लगा ली थी आग
लखनऊ : मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग से कुछ दूर स्थित जनेश्वर मिश्र संस्थान के पास पिछले दिनों आत्मदाह करने वाली महिला अंजलि की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के बर्न वार्ड में रविवार दोपहर मौत हो गई. एक वकील के बहकावे में आकर पारिवारिक विवाद में महिला ने आत्मदाह का प्रयास किया था. इस आत्मदाह के दौरान वह 85% तक जल गई थी. अंजलि पारिवारिक विवाद में पुलिस की कार्यशैली से नाराज होकर सीएम के पास प्रार्थना पत्र लेकर पहुंची थी.
6 अगस्त को कराया गया था भर्ती : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने मीडिया को विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि 40 वर्षीय उन्नाव के पुरवा थानांतर्गत छत्ताखेड़ा निवासी महिला को आत्मदाह के प्रयास के बाद 06 अगस्त 2024 को केजीएमयू में भर्ती किया गया था. उन्हे 3rd डिग्री की बर्न इंजरी थी. वे 85 प्रतिशत तक जल चुकी थीं. जब उन्हें भर्ती किया गया उनकी हालत बहुत गंभीर थी. महिला का उपचार प्लास्टिक सर्जरी विभाग में किया गया. 11 अगस्त 2024 को 1 बजकर 10 मिनट पर महिला की मृत्यु हो गई. मृत्यु का कारण septic shock और मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन सिंड्रोम दर्ज किया गया है. पति और ससुराल पक्ष से विवाद के बाद अंजिल ने यह कदम उठाया था. पुलिस की जांच में पता चला है कि घटना के एक दिन पहले ही इसकी खौफनाक स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी. गौतमपल्ली थाना पुलिस के हाथ महिला और वकील का 5 मिनट 7 सेकेंड का एक ऑडियो मिला. इसमें वकील महिला को आत्मदाह के लिए भड़काता नजर आया था. पुलिस ने आरोपी वकील को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.
बेटे को बैठा दिया था सड़क के किनारे, फिर लगाई आग : डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने बताया था कि इस मामले में जांच के दौरान पीड़िता के मोबाइल को खंगाला गया तो उसमें उन्नाव के रहने वाले वकील सुनील कुमार और पीड़िता की कॉल रिकॉर्डिंग मिली. इसमें सुनील कुमार पीड़िता से सीएम आवास जाकर पेट्रोल खुद पर डाल कर आत्मदाह करने की कोशिश करने के लिए उकसाया था. डीसीपी ने बताया कि आरोपी वकील को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. बताया कि अंजली जाटव ने ससुरालीजनों से परेशान होकर विक्रमादित्य मार्ग पर खुद को आग लगा ली थी. घटना के दौरान उसने अपने दो वर्षीय बेटे को किनारे बैठा दिया था. पीड़िता ने दो अगस्त को पुरवा थाने में अपने पति, देवर, सास, देवरानी और भांजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. पुलिस ने 5 अगस्त को उसके पति, देवर को जेल भेजा था.
अंजलि की पुलिस ने नहीं सुनी, प्रार्थनापत्र में लिखी थी पीड़ा : 30 वर्षीय अंजली जाटव अपने ससुराल वालों की प्रताड़ना से परेशान थी. आत्मदाह वाले दिन स्थानीय पुलिस पर वो ससुरालीजनों का साथ देने का आरोप लगा रही थी. सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में प्रार्थना पत्र वह 6 अगस्त को पहुंची थई. उसने लिखा था कि, उप मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी पुरवा थाने की पुलिस ससुरालीजनों से उसका लुटा हुआ समान न दिलवाने और एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है. पीड़िता ने लिखा था कि, 30 जुलाई को उसने पुरवा थाने में दहेज मांगने, मारपीट और उसका मोबाइल और पैसों की लूट का मुकदमा दर्ज कराया था. तहरीर देने के तीन दिन बाद मुकदमा लिखा गया था. लेकिन, पुलिस आरोपियों की न ही गिरफ्तारी कर रही थी और ना ही उसका लूटा गया समान दिलवा रही थी.
डिप्टी सीएम से भी पुलिस ने बोला झूठ: अंजली ने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि, 4 अगस्त को वह उप मुख्यमंत्री से मिली थी. जब उन्होंने पुरवा पुलिस से आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आदेश किया तो पुलिस ने उपमुख्यमंत्री से झूठ कहा कि वो ढूंढ रहे हैं लेकिन, मिल नहीं रहा. बल्कि उसका पति, देवर, सास सभी अपने घर पर रह रहे थे. महिला ने आरोप लगाया था कि, पुलिस उसके ससुराल वालों से रिश्वत लेकर शांत हो गई है. उसे ही जेल भेजने की धमकी दे रही है.
फिर भी पुलिस ने नहीं किया सहयोग: डिप्टी सीएम से मिलने के बाद भी पीड़िता को पुलिस का सहयोग नहीं मिला तो वह सीएम योगी के जनता दरबार आई थी. इस बार भी वह अपने दो वर्षीय बच्चे के साथ ही थी. जनता दरबार से निकलने के बाद अंजली विक्रमादित्य मार्ग के पास जैसे ही आई उसने अपने बेटे और बैग को जमीन पर किनारे रख दिया. फिर अपने बैग से ज्वालनशील पदार्थ निकाल कर खुद के ऊपर छिड़क आग लगा ली. हालांकि वहीं पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग बुझा कर उसे अस्पताल में भर्ती कराया.
वकील बोला था- जैसे ये करोगी, आफत मच जाएगी, SO-CO औकात में आ जाएंगे : पुलिस की जांच में पता चला है कि घटना के एक दिन पहले ही इसकी खौफनाक स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी. गौतमपल्ली थाना पुलिस के हाथ महिला और वकील का 5 मिनट 7 सेकेंड का एक ऑडियो मिला है. इसमें वकील महिला को आत्मदाह के लिए भड़काता नजर आया. फिलहाल वो जेल में है.
डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी के मुताबिक इस मामले में जांच के दौरान पीड़िता के मोबाइल को खंगाला गया तो उसमें उन्नाव के रहने वाले वकील सुनील कुमार और पीड़िता की कॉल रिकॉर्डिंग मिली. इसमें सुनील कुमार पीड़िता से सीएम आवास जाकर पेट्रोल खुद पर डाल कर आत्मदाह करने की कोशिश करने के लिए उकसाया था.