RAIPUR: राज्यपाल रमेन डेका से आज राजभवन में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) जी.पी. सिंह ने सौजन्य भेंट की। यह मुलाकात विशेष महत्व रखती है, क्योंकि जी.पी. सिंह का करियर कई विवादों और कानूनी जंगों का हिस्सा रहा है। 1994 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी जी.पी. सिंह के खिलाफ छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे।
जी.पी. सिंह पर 2021 में आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के आरोप लगे थे। एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की टीम ने 1 जुलाई 2021 को उनके सरकारी बंगले सहित 15 अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति और कई संवेदनशील दस्तावेज़ बरामद हुए थे। इस संपत्ति के आधार पर एसीबी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया और सरकार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
5 जुलाई 2021 को, सरकार ने जी.पी. सिंह को सस्पेंड कर दिया, और 8 जुलाई की रात को उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज कर लिया। इस मामले में जी.पी. सिंह ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। उनका आरोप था कि उनके खिलाफ राजनीतिक कारणों से साजिश की गई थी। इस कानूनी संघर्ष के बाद, उन्होंने अपनी बहाली के लिए कोर्ट में अपील की, और आखिरकार, उन्हें न्याय मिला।
केंद्र सरकार ने उन पर लगाए गए आरोपों के बाद उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव भेजा था, जिसे बाद में मंजूर कर लिया गया था। इसके बाद जी.पी. सिंह ने कड़ी कानूनी लड़ाई लड़ी और अदालत के जरिए अपना नाम साफ़ किया। वे इस समय छत्तीसगढ़ पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के रूप में सेवा दे रहे हैं।
यह मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण है, क्योंकि जी.पी. सिंह की वापसी और उनके खिलाफ लगे आरोपों को लेकर लगातार चर्चा बनी रही। राज्यपाल से मुलाकात के बाद यह साफ हो गया कि वे अब राज्य पुलिस सेवा में एक प्रमुख स्थान पर हैं और उनके खिलाफ लगे आरोपों को कानूनी दृष्टिकोण से सुलझा लिया गया है।