छत्तीसगढ़ के टीचर ने किया ऐसा कमाल, बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर, अब एडमिशन के लिए मची मारामारी…
आज के दौर में बच्चों को सरकारी स्कूलों से निकालकर निजी स्कूलों में भर्ती कराना आम बात है, लेकिन महासमुंद जिले के मोहगांव का प्राथमिक स्कूल कुछ अलग है, जहां सैकड़ों बच्चे निजी स्कूल छोड़कर पढ़ाई कर रहे हैं। यहां पढ़ने 35 से 40 किमी दूर से बच्चे आते हैं। स्कूल के प्रधान पाठक भोजराज प्रधान इसका कारण हैं। वे नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, एकलव्य विद्यालय की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराते हैं।
2024 में ही इस विद्यालय से 19 बच्चों का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए हुआ है। साथ ही एक सैनिक स्कूल और दो छात्र एकलव्य विद्यालय के लिए चयनित हुए हैं। शाला समय के अलावा बच्चों की अतिरिक्त क्लास और ऑनलाइन क्लास लेकर निश्शुल्क तैयारी कराते हैं।
साथ ही अपने माता-पिता की स्मृति में सम्मान समारोह आयोजित कर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित बच्चों को मेडल देकर पुरस्कृत करते हैं। भोजराज के कुशल मार्गदर्शन में अब तक 86 छात्र नवोदय विद्यालय, चार सैनिक स्कूल, चार एकलव्य विद्यालय के लिए चयनित हुए हैं। वे पांच साल से बच्चों को प्रवेश परिक्षाओं की तैयारी करवा रहे हैं।
छात्रों की संख्या 43 से बढ़कर 160
प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नत होकर शिक्षक भोजराज 17 अक्टूबर 2022 को मोहगांव स्कूल पहुंचे। इसके बाद उन्होंने शाला प्रबंधन समिति, ग्राम पंचायत और पालकों के सहयोग से स्कूल की तस्वीर बदलने की योजना बनाई। इसके दो सालों में ही यह विद्यालय शिक्षा जगत में शीर्ष पर पहुंच चुका है।
2022 में यहां छात्रों की दर्ज संख्या मात्र 43 जो अब 160 हो चुकी है। भवन और स्टाफ की कमी के कारण इस वर्ष 100 से अधिक बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा सका। पिछले दो वर्ष में यहां पर बड़े-बड़े निजी स्कूलों से आकर 100 से अधिक बच्चों ने प्रवेश लिया है।
60 गांव के बच्चे करते हैं यहां पढ़ाई
वर्तमान में स्कूल में आसपास के 60 गांव के बच्चे पढ़ रहे हैं। उन्हें लाने लेजाने के लिए पालकों ने स्वस्फूर्त पांच वाहनों की व्यवस्था की है। कुछ पालक मोहगांव में किराये पर मकान लेकर रहने लगे हैं। यहां स्मार्ट क्लास संचालित है, शानदार शाला परिसर, बाल उद्यान मन मोह लेती है।
शिक्षक भोजराज की पदस्थापना जहां भी होती है, वे सबसे पहले शाला प्रांगण को हरा भरा करते हैं। साथ ही समाज के साथ मिलकर विद्यालय में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। इसके पूर्व ने शासकीय प्राथमिक शाला भैरोपुर में बेहतरीन बाल उद्यान का निर्माण और अच्छी शिक्षा से सरकारी स्कूल के प्रति लोगों की धारणा बदल चुके हैं।