रायपुर। छत्तीसगढ़ की त्रिस्तरीय पंचायतों में वार्डो का आरक्षण भले ही सरकार ने रोका है, लेकिन मंगलवार को यह स्पष्ट हो गया कि नगरीय निकायों यानी नगर निगम, नगर पालिकाएं और नगर पंचायतों में वार्डों का आरक्षण पूर्व निर्धारित शिड्यूल के मुताबिक 19 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
हाल में नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को चिट्ठी भेजी थी कि वे अपने जिलों के सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का आरक्षण 19 दिसंबर तक करके विभाग को सूचित करें। इसलिए नगरीय निकाय में आरक्षण शिड्यूल के मुताबिक ही होगा। संकेत मिले हैं कि अगले एक सप्ताह के भीतर प्रदेशभर में महापौर तथा नगरपालिका-नगर पंचायत अध्यक्षों के लिए आरक्षण कर लिया जाएगा।
रायपुर कलेक्टर ने 19 दिसंबर को राजधानी समेत जिले के सभी नगरीय निकायों का आरक्षण 19 दिसंबर के लिए शिड्यूल कर दिया है। रायपुर नगर निगम के सभी 70 वार्ड, आरंग, अभनपुर, नयापारा और तिल्दा नगरपालिकाओं के सभी वार्ड और माना कैम्प, खरोरा, समोदा, चंदखुरी और कूंरा नगर पंचायतों के सभी वार्डों का आरक्षण होगा। यह प्रक्रिया विहित प्राधिकारी यानी रायपुर कलेक्टर डा. गौरव कुमार सिंह की मौजूदगी में राजधानी के शहीद स्मारक भवन में सुबह 11 बजे से शुरू होकर शाम तक पूरी कर ली जाएगी।
वार्डों के आरक्षण के तुरंत बाद यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि किन वार्डों से कौन-कौन लोग चुनाव लड़ सकते हैं और आरक्षण के कारण किन्हें दूसरे वार्डों में जमीन तलाशनी पड़ सकती है। इधर, सूत्रों का कहना है कि आरक्षण के तुरंत बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। ऐसे में किसी भी उम्मीदवार या मौजूदा पार्षद को आरक्षण के घेरे में आने के बाद दूसरे वार्ड में संभावनाएं तलाशने के लिए वक्त ही नहीं दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों के लिए आचार संहिता 20 दिसंबर के आसपास से लगने के आसार जताए जा रहे थे।
वार्डों का आरक्षण 19 तारीख को पूरा करने के बाद प्रदेशभर के नगर निगमों, नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों के महापौर-अध्यक्षों के लिए आरक्षण किया जाना है। संकेत मिले हैं कि 19 दिसंबर से एक हफ्ते के भीतर यह प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। ऐसे में नगरीय निकाय चुनावों की घोषणा 25 दिसंबर के बाद कभी भी होने के हालात बन रहे हैं। दिसंबर अंत तक चुनावों की घोषणा कर दी जाती है, तो मानकर चलिए कि स्कूल एग्जाम यानी फरवरी अंत से पहले रायपुर समेत पूरे प्रदेश के नगरीय निकायों में चुनाव करवाकर नतीजे जारी किए जा सकते हैं, यानी नई शहर सरकारें अस्तित्व में आ सकती हैं। हालांकि आचार संहिता या चुनाव की तारीखों को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। सूत्रों के मुताबिक त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव हमेशा की तरह नगरीय निकायों के बाद अलग से करवाए जा सकते हैं। इसीलिए पंचायतों के आरक्षण के लिए 17 दिसंबर की तारीख को आगे बढ़ाया गया है।