मैकेनिकों की मदद से लगा वाहन चोरों का पता, पुलिस ने कंजरों के डेरे में दबिश दे 162 बाइक किया जब्त…
उज्जैन: उज्जैन पुलिस ने चोरी के 162 दोपहिया वाहन जब्त किए हैं। पुलिस ने 15 दिनों से बाइक चोरों के खिलाफ विशेष अभियान चला रखा था। वाहन चेकिंग के अलावा देवास व रतलाम जिलों के कंजर डेरों पर भी दबिश दी थी। पुलिस ने 15 आरोपितों को गिरफ्तार भी किया है। 37 वाहन मालिकों का पता भी लगा लिया है।
मैकनिकों की मदद से जुटाई जानकारी
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि जिले में दोपहिया वाहन चोरी की वारदातों में लगातार इजाफा हो रहा था। जिसको देखते हुए एक विशेष कार्ययोजना बनाई थी। पुलिस ने जिले में जिन स्थानों से वाहन चोरी की वारदात अधिक हुई थी वहां जांच की थी।
वारदात के समय, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व पूर्व दोपहिया चाेरों से सख्ती से पूछताछ की गई थी। इसके अलावा दोपहिया वाहन सुधारने वाले मैकेनिक व मुखबीरों की सूचना के आधार पर कंजर गिरोहों के बारे में जानकारी जुटाई थी।
कंजर डेरों पर दबिश
जिसके बाद पुलिस ने देवास के सांमगी, टोंककला एवं पांदा तथा रतलाम जिले के ग्राम ताल के समीप स्थित पंथ पिपलोदा तथा जावरा के ग्राम उकेरिया, टांडा, राजाखेडी, ग्राम भूतेडा तथा राजस्थान के जिला झालावाड़ के बाड, ग्राम बामन देवरिया थाना उन्हेल नागेश्वर में कंजर डेरों पर दबिश दी थी।
इसके अलावा लगातार 15 दिनों से वाहन चेकिंग के दौरान 15 दोपहिया वाहन चोरों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बाइक चोरों व कंजर डेरों से कुल 162 दोपहिया वाहन जब्त किए हैं।
रेलवे स्टेशन और अस्पतालों के बाहर से चोरी हो रही थी बाइक
एसपी शर्मा ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि वाहन चोरी की अधिकांश वारदात पार्किंग स्थलों से हुई है। जिसमें मुख्य रूप से आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज स्थित पार्किंग, महाकाल क्षेत्र, रेलवे स्टेशन व आसपास के क्षेत्र व निजी अस्पतालों के आसपास से बाइक चोरी की वारदात हुई है।
अपराधों में करते थे चोरी की बाइक का उपयोग
एसपी शर्मा के अनुसार कंजर गिरोह व वाहन चोरी करने वाले अन्य लोग चोरी के दोपहिया वाहनों का उपयोग
चेन स्नेचिंग, ट्रक कटिंग और मादक पदार्थ व शराब तस्करी के उपयोग में करते हैं। इन वाहनों की जानकारी प्रदेश के सभी थानों व एससीआरबी भोपाल को दी है।
पुलिस ने अब तक 37 वाहन मालिकों का पता लगा लिया है। मगर कुछ वाहन मालिकों का कहना है कि उन्होंने वाहन चोरी की शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद बीमा कंपनी से क्लेम ले लिया था।
मालिक नहीं मिले तो करेंगे नीलामी
चोरी के वाहनों के इंजन नंबर व चेचीस नंबर तक मिटे हुए हैं। ऐसे वाहनों के मालिकों की पहचान करना मुश्किल है। पुलिस जल्द ही इन वाहनों की नीलामी करेगी।
वर्ष 2022 में चोरी हुए थे सबसे ज्यादा वाहन
दोपहिया वाहन चोरी की वारदात सबसे अधिक वर्ष 2022 में हुई थी। वर्ष 2022 में 864, वर्ष 2023 में 710 तथा वर्ष 2024 में अब तक 598 वाहन चोरी होने की वारदात हो चुकी है।
ऐसे बचे वाहन चोरी की वारदात से
- सुरक्षित पार्किंग में अपने वाहन खड़े करें, सीसीटीवी कैमरे लगे स्थानों पर ही वाहन पार्क करें। सुनसान या अंधेरी जगहों पर वाहन खड़े ना करें।
- लॉक सिस्टम का उपयोग करें, हमेशा हैंडल लॉक करें। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए डिस्क ब्रेक लॉक
- या चेन लॉक का उपयोग करें।
- जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगवाए। अलार्म सिस्टम लगवाएं जिससे की वाहन चोरी के प्रयास के दौरान आवाज करें।
- अपने दाेपहिया वाहन को सार्वजनिक स्थानों पर ज्यादा समय तक न छोड़ें।
- इंजन इम्मोबिलाइज़र का उपयोग करें, जिससे बिना सही चाबी के वाहन स्टार्ट न हो सके।
- अपने वाहन में डबल लॉकिंग सिस्टम लगवाएं जैसे कि क्लच लॉक और गियर लॉक, यह वाहन को स्टार्ट करना और हिलाना मुश्किल बनाता है।
- वाहन को घर के अंदर रखें या घर के परिसर में खड़ा करें।