शादी के सीजन में सूट-बूट वाले चोरों का खतरा, पलक झपकते ही पार कर लेते हैं कैश और गहने पार..
रायपुर। ठंड के दस्तर देने के साथ ही शहर में चोरी की वारदातें अन्य महीनों की अपेक्षा बढ़ जाती है। स्थानीय के साथ बाहरी चोर चोरी करने सक्रिय हो जाते हैं। इसी कड़ी में पिछले कुछ वर्षों में विवाह समारोह में चोरी की घटनाएं बढ़ी है। राजधानी में पिछले दो सालों में विवाह समारोह में एक दर्जन के करीब चोरी की घटनाएं सामने आई हैं। इसके चलते पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई है। चोरी की घटनाएं रोकने पुलिस इस बार होने वाली बड़ी शादियों में नजर रखने की बात कह रही है। इसके लिए पुलिस के जवान सादी वर्दी में समारोह स्थल के आस-पास तैनात रहेंगी। सूटबूट गैंग पर पुलिस की नजर है।
उल्लेखनीय है लोग विवाह समारोह आयोजित करने की जगह होटल, मैरिज पैलेस में आयोजित कर रहे हैं। इस बात का फायदा चोर गिरोह उठा रहे हैं। गिरोह के बदमाश सज धज कर विवाह समारोह में शामिल होने चले जाते हैं और मेहमानों के बीच आंखों में धूल झोंक कर गिफ्ट, जेवर सहित अन्य कीमती सामान पर हाथ साफ कर देते हैं।
पुलिस ने कहा सीसीटीवी कैमरा अपडेट रखें
क्राइम एएसपी संदीप मित्तल के मुताबिक विवाह समारोह आयोजित करने वाले होटल, धर्मशाला, मैरिज पैलेस के संचालकों को अपने यहां लगे सीसीटीवी कैमरा अपडेट करने के लिए कहा गया है। साथ ही समारोह स्थल में नजदीकी पुलिस स्टेशन के नंबर के साथ टीआइ के नंबर लिखने के लिए कहा गया है। थाना अौर टीआइ के नंबर लिखे होने पर किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय स्थिति निर्मित होती है तो तत्काल पुलिस को घटना की जानकारी दी जा सकती है।
राजगढ़ से आता है सूट बूट गैंग
विवाह समारोह में चोरी करने वाला सूट बूट गैंग मूल रूप से मध्यप्रदेश राजगढ़ से आते हैं। राजगढ़ का यह गैंग देव उठनी एकादशी के बाद से सक्रिय हो जाता है और अलग-अलग ग्रुप बनाकर यहां चोरी करने के लिए पहुंचते हैं। यह गैंग दिन में फेरी वाला बन होटल, मैरिज पैलेस की रेकी करने का काम करते हैं। इसके बाद रेकी करने वाला अपने अन्य साथियों को जहां विवाह समारोह आयोजित हो रहा होता है, इसकी जानकारी शेयर करते हैं।
चोरी करने के बाद माल अपने अन्य साथियों को थाना दे देते हैं
पुलिस के अनुसार विवाह समारोह में चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद गिरोह के बदमाश चोरी का माल स्वयं रखने की बजाय अपने किसी अन्य साथी को दे देते हैं। माल प्राप्त करने वाला शातिर यहां रुकने की बजाय माल लेकर अपने गांव के रफू चक्कर हो जाता है।
चोर गिरोह से जुड़े शातिरों को पता रहता है कि जहां उन लोगों ने चोरी की घटना को अंजाम दिया है, वहां सीसीटीवी के आधार पर वे पकड़े जा सकते हैं। इसलिए चोरी का माल अपने अन्य साथियों को दे देते हैं। इसलिए पकड़े जाने के बाद भी पुलिस इन चोर गिरोह के शातिरों से माल बरामद नहीं कर पाती।