दीवाली के दिन शाम 6:27 से 8:23 तक स्थिर लग्न, 1.56 घंटे का उत्तम मुहूर्त
दीप ज्योति का मुख्य पर्व दीपावली इस साल 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो कि कार्तिक अमावस्या तिथि में आता है। इस अवसर पर लक्ष्मी पूजन का समय प्रदोष काल में विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार इस दिन स्थिर लग्न वृषभ में लक्ष्मी पूजन का उत्तम मुहूर्त सायं 6:27 से रात 8:23 बजे तक रहेगा।
मुहूर्त में करें लक्ष्मी जी का पूजन
31 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या तिथि में मनाया जाएगा। इस पर्व पर लक्ष्मी पूजन का प्रमुख समय प्रदोष काल माना जाता है, जिसमें स्थिर लग्न की प्रधानता होती है। इस दिन लक्ष्मी पूजन के लिए उत्तम मुहूर्त स्थिर लग्न वृषभ में सायं 6:27 से रात 8:23 बजे तक रहेगा, जिससे घरों और प्रतिष्ठानों में समृद्धि की कामना की जा सकेगी।
पढ़ें पूजन का महत्व और समय
ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार, कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन है। अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3:12 बजे समाप्त होगी। एक नवंबर को सायं 5:13 बजे के बाद प्रतिपदा लग जाएगी। इस कारण दीपावली मनाने का समय शास्त्र सम्मत है।
उपयोगिता और धार्मिक महत्व
कार्तिक अमावस्या अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इस दिन किए गए कार्य वर्ष भर सफलता दिलाते हैं। व्यापारी वर्ग इस अवसर पर महालक्ष्मी का पूजन कर व्यापार में उन्नति की कामना करता है। तिथि विशेष पर तांत्रिक लोग तंत्र-मंत्र की सिद्धि भी करते हैं और बंगीय समाज में महाकाली पूजन का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार दीपावली का पर्व एक महत्वपूर्ण और शुभ अवसर है।
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