छत्तीसगढ

बिलासपुर वालों ने कहा कि हमारी बेटियां शिक्षा से खेल तक, हर क्षेत्र में लहरा रहीं है परचम

बिलासपुर। बिलासपुर जिले में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ मिशन की सफलता स्पष्ट दिखाई दे रही है। न सिर्फ जिले में लिंगानुपात में सुधार हुआ है, बल्कि महिला साक्षरता दर में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दो दशकों के भीतर महिला साक्षरता दर में 19 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जिससे बालिकाओं के लिए शिक्षा के द्वार और अधिक खुल गए हैं। शिक्षा से लेकर खेल और सामाजिक सुधारों तक, बिलासपुर की बेटियां अपने कंधों पर जिले का नाम रोशन कर रही हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम छू रही
बिलासपुर जिले की बालिकाएं शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम छू रही हैं। छत्तीसगढ़ सांख्यिकी विभाग के अनुसार, जिले में महिला साक्षरता दर वर्ष 2001 में 52.87 प्रतिशत थी, जो अब 2023 में बढ़कर 71 प्रतिशत से अधिक हो गई है। वहीं 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में भी बेटियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया। 10वीं कक्षा में 68.5 प्रतिशत लड़कियों ने सफलता पाई, जबकि लड़कों का परिणाम 57.79 प्रतिशत रहा। इसी तरह 12वीं के परिणाम में 71.22 प्रतिशत लड़कियां सफल हुईं, जबकि 61.89 प्रतिशत लड़के ही पास हो पाए।
खेल में भी बेटियां पीछे नहीं,खेल के क्षेत्र में भी शानदार प्रदर्शन किया
बिलासपुर की बेटियों ने न सिर्फ शिक्षा बल्कि खेल के क्षेत्र में भी शानदार प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आयोजित खेल अलंकरण समारोह में बिलासपुर की पैरा खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री ट्राफी जीतकर जिले का नाम ऊंचा किया। इस टीम में स्वाति साहू, रोहिणी साहू, सीता साहू, उत्तरा नवरंग और कोच किरण साहू शामिल थीं। इसके अलावा बिलासपुर की बेटियों ने बेसबाल, हाकी, नेटबाल और क्रिकेट जैसे खेलों में भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।
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