बिलासपुर में दुर्गा पूजा: आत्मनिर्भर भारत का रंगीन त्योहार
बिलासपुर। दुर्गा उत्सव का आनंद इस साल और जबरदस्त होगा। आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखेगी। दिव्य प्रतिमा, आकर्षक पंडाल, रंग-बिरंगी लाइट, भव्य झांकी के साथ स्टाल मार्केटिंग का खास अंदाज दिखेगा। बेटियां स्वादिष्ट जायका-खानपान के साथ बच्चों के पसंद के खिलौने, घर सजावट के समान, कास्मेटिक, हर्बल प्रोडक्ट और आयुर्वेद सामग्री के स्टाल सजाएंगी।
बंगाली परंपरा के मुताबिक कई स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान होती है। बंगाल के अलग-अलग जिलों से पुजारी और ढांक बजाने कलाकार आते हैं। रेलवे परिक्षेत्र, राजकिशोर नगर, विद्या नगर, सरकंडा सहित दयालबंद और अन्य स्थानों पर पूजा सामग्री भी कोलकाता से मंगाए जाते हैं।
हेमू नगर निवासी भानू रंजन प्रधान बताते हैं कि पहले बड़ी संख्या में मूर्तिकार सहित पंडाल व साज सजावट करने वाले कारीगर भी बंगाल से आते थे। हर पांच से 10 साल में कुछ न कुछ नया बदलाव दिखाई पड़ता था। अब स्टाल मार्केटिंग एक नया अनुभव दे रहा है, जहां पूजा पंडाल के आसपास एक मिनी बाजार सज जाता है। प्रमुख रूप रेलवे बंगाली स्कूल चौक, वसंत विहार एसईसीएल और तारबाहर कंस्ट्रक्शन कालोनी शामिल है। जो उत्सव की खुशी को कई गुना बढ़ा देता है।
बंगाली स्कूल चौक, रेलवे
बंगाली स्कूल चौक, रेलवे
दुर्गा पूजा पर बंगाली स्कूल चौक में आजादी के बाद से बाजार जैसा माहौल रहता है। अब यहां स्टाल की संख्या बढ़ने लगी है। पहले 10 से 30 दुकानें सजती थीं। अब संख्या 50 से अधिक हो चुकी है। यहां चटपटे स्वाद से लेकर आइसक्रीम, पान, लजीज व्यंजन-पकवान समेत ढेरों खिलौने मिलेंगे। अधिकांश दुकानें महिलाओं के नाम पर है।
कंस्ट्रक्शन कालोनी, तारबाहर
रेलवे परिक्षेत्र कंस्ट्रक्शन कालोनी, तारबाहर का क्रेज दो दशकों में सबसे ज्यादा बढ़ा है। पंचमी तिथि से यहां भीड़ देखने लायक होती है। हर साल समिति यहां एक नए थीम पर जीवंत झांकी का प्रदर्शन करने आती है। यहां सीमित संख्या में स्टाल होते हैं। लेकिन दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं। बेटियां ना केवल स्टाल संभालती है, बल्कि एक अच्छा खासा आय भी अर्जित करती है