छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता..

छत्तीसगढ़ |  शासन की पुनर्वास नीति और नक्सलियों के लिए चलाई जा रही ‘नियद नेल्ला नार योजना’ से प्रभावित होकर सुकमा जिले में एक महिला नक्सली समेत 5 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया. इन आत्मसमर्पित नक्सलियों में मांडवी लच्छू (मेहता आरपीसी मिलिशिया सदस्य) भी शामिल है, जिस पर एक लाख रुपये का इनाम था.

नक्सलियों का अत्याचार से थे परेशान

बाहरी नक्सलियों की ओर से स्थानीय आदिवासियों पर किए जा रहे भेदभाव और हिंसा से नक्सली संगठन के सदस्य असंतुष्ट हो रहे हैं. इसी भेदभाव से परेशान होकर इन नक्सलियों ने अत्मसमर्पण का फैसला लिया है. सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि इन नक्सलियों ने बिना हथियार के आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है. नक्सली पुलिस गश्ती दलों पर हमले, बम लगाने, सड़कों को अवरुद्ध करने और प्रशासन विरोधी गतिविधियों में शामिल थे.

आत्मसमर्पण के प्रमुख कारण

  • सरकार की पुनर्वास नीति: नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर देना.
  • नियद नेल्ला नार योजना: इस योजना के तहत नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करना.
  • पुलिस का बढ़ता प्रभाव: सुकमा के अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नए पुलिस कैंप स्थापित होने से नक्सलियों पर दबाव बढ़ा है.

सरेंडर करने वाले नक्सली

  • करटम मासे (महिला नक्सली, सिंगाराम मिलिशिया सदस्य)
  • मड़कम जोगा (वेरूम मिलिशिया सदस्य)
  • माड़वी लच्छु (मेहता आरपीसी मिलिशिया सदस्य, एक लाख इनामी)
  • माड़वी दुड़वा (पूर्वर्ती आरपीसी मिलिशिया कमांडर)
  • माड़वी लच्छू (मेहता आरपीसी मिलिशिया सदस्य)

पुनर्वास नीति के तहत लाभ

सरकार द्वारा इन आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी

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