छत्तीसगढ

धमतरी: प्रशासन की उदासीनता, कमार महिलाएं सड़क पर

धमतरी : जिले की संरक्षित कमार जनजाति की महिलाएं शुक्रवार को धमतरी कलेक्ट्रेट पहुंची. कमार समाज की महिलाओं को स्वरोजगार देने के लिए खादी ग्रामोद्योग की तरफ से प्रशिक्षण दिया गया था. साथ ही रोजगार शुरू करने के लिए चरखा देने की बात कही थी. लेकिन कई साल बीतने के बाद भी महिलाओं को चरखा नहीं मिला है. इसलिए अंबर चरखा देने की फरियाद महिलाओं ने की है.

महिलाओं ने अंबर चरखा दिलाने की मांग : धमतरी जिले के वनांचल इलाके की महिलाएं बड़ी संख्या में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंची और अपनी समस्याओं को लेकर आवेदन सौंपा. महिलाओं ने बताया कि वे 14 किलोमीटर तय करके ट्रेनिंग के लिए इसी उम्मीद के साथ जाते थे कि ट्रेनिंग के बाद खुद का काम शुरू करेंगे. लेकिन अभी तक उनका काम शुरू नहीं हुआ है. हम लोग पहले भी बेरोजगार थे और प्रशिक्षण लेने के बाद भी बेरोजगार हो गये है.

हम सभी कमार जनजाति समाज से हैं. हमें खादी तथा ग्रामोद्योग विभाग द्वारा अम्बर ईकाई चरखा द्वारा रुई से सुत बनाने का 80 दिन का प्रशिक्षण दिया गया. हमें बताया गया कि प्रशिक्षण के बाद तुरंत चरखा प्रदान किया जायेगा, जो चरखा अभी तक हमें नहीं प्राप्त हुआ है. इस वजह से हम महिलाओं के मन में उदासीनता की भावना आ रही है. इसलिए हमें चरखा दिलाया जाए. : मगोत्रा साहू, हितग्राही
“अंबर चरखा के लिए शासन को लिखा पत्र” : कमार जनजाति की महिलाओं की मांग सुनने के बाद धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा है कि खादी ग्रामोद्योग की ओर से महिलाओं को अम्बर चरखा का ट्रेनिंग दिया गया है. महिलाओं को अंबर चरखा के लिए शासन को पत्र लिखा गया है. वहां से भरोसा दिया गया है कि जैसे ही फंड मिलेगा, वित्तिय सहमति के बाद मांग पूरी कर दी जाएगी.

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