मिर्गी के उपचार के लिए साथियों के साथ रायपुर गया ग्रामीण लापता
जशपुरनगर: निश्शुल्क उपचार के नाम पर रायपुर के बालाजी अस्पताल पहुंचे जिले के 7 ग्रामीणों में से एक ग्रामीण लापता हो गया है। स्वजनों ने इसकी शिकायत एसपी जशपुर से करते हुए लापता हुए ग्रामीण की खोजबीन करने की गुहार लगाई है। वहीं इस मामले में सर्वआदिवासी समाज ने भी मोर्चा सम्हालते हुए ग्रामीण की जानकारी न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत रातामाटी के आश्रित ग्राम जिलिंग की है। एसपी शशिमोहन सिंह से किए गए शिकायत में लापता ग्रामीण बरोदी भगत (45)की पत्नी सोनो भगत ने बताया कि उनके पति बरोदी भगत मिर्गी की बीमारी से जूझ रहे थे। स्थानीय चिकित्सालय में उनका उपचार चल रहा था लेकिन इससे उनको लाभ नहीं मिल पा रहा था। 29 जुलाई की शाम को शोभा साहू, सरोज साहू और ननका साहू उनके घर पहुंचे और रायपुर के बालाजी अस्पताल में मिर्गी का निश्शुल्क उपचार के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होने का लालच दिया।
बीमारी से परेशान बरोदी भगत और उनके स्वजन झांसे में आकर रायपुर में उपचार कराने के लिए राजी हो गए। प्रार्थिया के अनुसार शोभा, सरोज और ननका ने उनके पति के साथ गांव के गंगा यादव, महेश पनिका, रामसेवक यादव, ढीबू यादव, आदित्य और मनराज को भी उपचार के नाम पर रायपुर ले गए थे। सोनो भगत के अनुसार एक सप्ताह के बाद गंगा यादव ने उन्हें फोन करके सूचित किया कि उनके पति बरोदी अस्पताल से लापता हो गए हैं और उसका कहीं पता नहीं चल रहा है।
इस पर सोनो अपने स्वजनों के साथ रायपुर पहुंची। यहां अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें बताया कि बरोदी की गुमशुदगी की सूचना रायपुर के मोवा पुलिस थाना में दर्ज कराया गया है। लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल रहा है। पीड़िता का कहना है कि उन्होनें रायपुर के सभी संभावित स्थानों में लापता बरोदी को ढूढ़ने का प्रयास किया लेकिन कहीं पता नहीं चल पाया। आखिर में वे वापस जशपुर आ गए और सहायता के लिए एसपी शशि मोहन सिंह से करते हुए पति को खोज निकालने का आग्रह किया है। मामले में जशपुर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
दलालों के चुंगल में फंसे ग्रामीण
इस मामले में ग्रामीणों ने लापता बरोदी के साथ इलाज के लिए रायपुर गए गंगाराम ने बताया कि उन्हें रायपुर ले जाने वाले शोभा साहू, सरोज साहू और ननका साहू बड़े निजी अस्पतालों के लिए जिले से मरीज खोजकर उन्हें रायपुर ले जाने का काम ही करते हैं। उन्होनें बताया कि बरोदी के साथ रायपुर में अस्पताल के एंबुलेंस से ही गए थे। इसकी व्यवस्था शोभा, सरोज और ननका ने ही किया था।
ग्रामीणों ने मीडिया को दिए बयान में आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से इन तीनों को मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए मोटी कमीशन दी जाती है। गंगाराम का कहना है कि उपचार के दौरान तीनों अस्पताल में उनके साथ ही रहे। लेकिन जैसे ही बरोदी के लापता होने की घटना हुई वे तीनों रायपुर से वापस जशपुर आकर डोड़काचौरा स्थित अपने किराए के मकान को बंद करके भाग गए हैं।