बंगाल की खाड़ी में फिर उठी हलचल, माानसून में आया बदलाव, इन जिलों में बारिश की संभावना
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से सक्रिय मानसून शनिवार व रविवार को थमा रहा। हालांकि इस दौरान प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में आसमान में बादल डेरा जमाए रहे। बारिश थमने से उमस भरी गर्मी तो रही लेकिन तापमान में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं रहा।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार तटवर्ती पश्चिम बंगाल के ऊपर कम दबाव क्षेत्र के विकसित होने और एक नए वेदर सिस्टम के बनने से पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मौसम प्रभावित होने की संभावना है।जिसके असर से सोमवार व मंगलवार के दौरान दक्षिणी और पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत वाराणसी और प्रयागराज मंडल में कहीं कहीं भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है।
कई जिले बाढ़ की चपेट में
यूपी के कई जिले एक साथ बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। नेपाल की पहाड़ियों पर हुई भारी बारिश का असर बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती और बाराबंकी आदि जिलों पर पड़ रहा है। नेपाल में हो रही बरसात के कारण कुसुम बैराज से राप्ती नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। इससे राप्ती नदी का जलस्तर एक बार पुन: रविवार को खतरे का निशान पार कर गया। इधर सरयू नदी भी उफान पर है। बहराइच जिले में बांध में रिसाव की भी खबरें आईं।
बाराबंकी के गांवों में मची तबाही
पहाड़ियों पर लगातार हो रही बरसात व नेपाल के बैराजों से करीब आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बाराबंकी में सरयू नदी उफनाकर गांवों में तबाही मचा रही है। केदारीपुर गांव नदी में बह गया है तो 78 गांव वाला बेलहरी गांव भी नदी में समा रहा है। 2014 में नदी का जलस्तर इसी तरह से बढ़ गया था। शनिवार रात से नदी के ईद-गिर्द करीब एक करीब डेढ़ किमी दूर तटबंध तक पानी आ गया। केदारीपुर व बेलहरी गांव की करीब 500 बीघा जमीन नदी में समा गई है। यहां तेजी से कटान हो रही है। इन दोनों गांवों के लोग ईट बचाने के चक्कर में मकान तोड़ सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं। एडीएम अरूण कुमार ने अधिकारियों के साथ कटान से प्रभावित गांव देखे। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों पर नजर रखी जा रही है।