चोरी के दस्तावेजो से कर दिया बाइक फाइनेंस
चोरी के दस्तावेज का दुरूपयोग कर बाइक फ़ाइनेंस कराने का मामला उजागर हुआ है। मामला उस समय खुला ज़ब पीड़ित को डाक से बाइक के पंजीयन संबंधी दस्तावेज प्राप्त हुआ। मामला कोतबा चौकी क्षेत्र का है। यहां के वार्ड 5 निवासी आशीष शर्मा ने पुलिस से की शिकायत में बताया कि 12 अगस्त को उसे कोरियर के माध्यम से एक लिफाफा प्राप्त हुआ।
इसे खोलने पर रायल इंफील्ड कंपनी की बाइक के पंजीयन से संबंधी एक कार्ड और कुछ दस्तावेज मिले। इससे पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने पीड़ित आशीष के नाम पर सूरजपुर जिले में प्रतापपुर के खोरमा गांव के ऊपरपारा निवासी शाहरुख़ खान के नाम से पंजीकृत किया गया है। इस बाइक को एक निजी फ़ाइनेंस कंपनी ने चोरी के दस्तावेजो से फाइनेंस किया गया है।
मामले की सूचना तत्काल कोतबा पुलिस को दी। कार्रवाई करते हुए कोतबा पुलिस ने बाइक शो रूम संचालक मनीष डेविड,बाइक क्रेता शहरुख खान और चरचा निवासी फाइनेंस कंपनी के स्थानीय कर्मचारी रुपेश पांडेय के खिलाफ धारा 420,34 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। पीड़ित के स्वजनों ने इस पूरे फर्जीवाड़े के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताई है। उनका कहना है फ़ाइनेंस करने के दौरान हितग्राही के हस्ताक्षर सहित बहुत सी खानापूर्ति की जरूरत होती है।
ऐसे में बिना फाइनेंस प्राप्तकर्ता की उपस्थिति के फाइनेंस करना और बाइक दे देना पूरी तरह से गलत है। इतना ही नहीं फाइनेंस राशि की निर्धारित किश्त जमा ना होने पर फाइनेंस कंपनी ने बाइक को जब्त कर रीफाइनेंस कर निखिल साहू को बेच दिया गया। इससे पीड़ित आशीष शर्मा का क्रेडिट स्कोर खराब होने का खतरा बन गया है। पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर पीड़ित इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए विकल्प पर विचार कर रहें हैं ताकि क्रेडिट स्कोर सहित अन्य वित्तीय नुकसान से बचा जा सके।