श्री राम मंदिर परिसर में नल, नील और अंगद टीले का भी होगा जीर्णोद्धार, विकसित की जाएगी हरियाली
अयोध्या: राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर निर्माण के साथ अतिरिक्त भूमि को विकसित करने की योजना बनाई जा रही है. जिसके तहत परिसर स्थित नल और नील के साथ अंगद टीले का सौंदर्यीकरण किया जाएगा.
70 एकड़ में स्थित राम मंदिर परिसर में कई प्राचीन स्थल हैं. इसमें कुबेर, नल और नील टीला भी शामिल है. इसके साथ ही पश्चिम और दक्षिण दिशा की ओर प्राचीन अंगद टीला भी राम जन्मभूमि परिसर शामिल हो गया है. जिसमें पहले ही कुबेर टीले पर शिव मंदिर और जटायु की प्रतिमा लगाए जाने के बाद अन्य स्थान पर हरियाली विकसित कर जीर्णोद्धार का कार्य पूरा कर लिया गया है. अब नल, नील और अंगद टीले के जीर्णोद्धार के लिए भी योजना बनाई जा रही है. यह तीनों स्थान मंदिर परिसर के निकास द्वार के पास होने के नाते यहां सिर्फ हरियाली विकसित कर श्रद्धालुओं के लिए तैयार किया जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के मुताबिक मंदिर परिसर में राम मंदिर के अलावा आठ अन्य मंदिरों का निर्माण कराया जा रहा है और पानी ट्रीटमेंट प्लांट, बिजली के लिए सब स्टेशन के साथ एक ऑडिटोरियम, अतिथि निवास और ट्रस्ट भवन बनेंगे. अन्य भूमि पर हरे भरे पेड़, पौधे लगाए जाएंगे. पूरा परिसर लैंडस्कैपिंग के माध्यम से सुंदर दिखाई देगा. इसके लिए अलग-अलग कंपनियों को जिम्मेदारी दी गई है और आवश्यकता अनुसार कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है.
राम जन्मभूमि परिसर में लगभग 30 एकड़ में निर्माण कार्य चल रहा है और 40 एकड़ से अधिक क्षेत्र में लैंडस्कैपिंग का कार्य किया जाएगा. इसके तहत पुष्प वाटिका, नवग्रह वाटिका का भी निर्माण कराया गया है. उसके साथ ही परिसर में कई स्थानों पर वातावरण को शुद्ध बनाने के लिए, छायादार वृक्ष औषधि युक्त वृक्ष को भी लगाया जा रहा है.