“78 साल पुराने मसीही चर्च से हटाया गया ‘मंदिर’ शब्द, विरोध के बाद ट्रस्टी का क्रिसमस से पहले फैसला”
उज्जैन। देवास रोड स्थित मसीही मंदिर चर्च से ‘मंदिर’ शब्द को हटा दिया गया। हिंदूवादी संगठनों ने चर्च में मंदिर शब्द के उपयोग पर आपत्ति जताई थी और इसे हटाने की मांग की थी। यह चर्च 78 वर्ष पुराना है।
बता दें कि दो दिन पहले विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष महेश तिवारी और बजरंग दल के जिला संयोजक ऋषभ कुशवाह ने प्रशासनिक अधिकारियों से उज्जैन में देवास रोड स्थित मसीही मंदिर चर्च के पंजीयन से मंदिर शब्द हटाने की मांग की थी। साथ ही चेतावनी भी दी थी कि यदि मंदिर शब्द नहीं हटाया गया तो आंदोलन कर मंदिर शब्द को हटाया जाएगा।
मसीही चर्च के ट्रस्टियों से बातचीत
इसे लेकर विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल ने मसीही चर्च के ट्रस्टियों से बातचीत की थी। हिंदू संगठनों ने ट्रस्टियों के समक्ष मंदिर का सनातन धर्म में उपयोगिता के महत्व को बताया तथा चर्च से मंदिर शब्द को हटाने की मांग की। इसके बाद शुक्रवार को मसीह ट्रस्ट ने चर्च से मंदिर शब्द को हटा दिया।
वर्ष 1946 में बना था चर्च
15 अक्टूबर 1946 को मसीही मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की गई थी, तब इस चर्च का पूरा नाम मसीही मंदिर चर्च लिखा गया था। तब से लेकर आज तक इस चर्च के साथ मंदिर शब्द विद्यमान रहा। चर्च के मुख्य द्वार पर भी मंदिर शब्द का उपयोग किया जाता रहा।
मसीह चर्च के ट्रस्टी वीरेंद्र नथानील ने बताया कि चर्च के मुख्य भवन व चर्च की बाउंड्रीवाल से मंदिर शब्द हटा दिया गया है। क्रिसमस पर्व आ रहा है। हम चाहते हैं कि सभी लोग मिलजुल कर यह पर्व शांति के साथ मनाएं।