जिले में 296 लूज पाइंट बिजली तार, विभाग की लापरवाही से 3 हाथियों की मौत, 2 निलंबित
रायगढ़: धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथी मानव द्वंद की घटनाएं आम हो चुकी है। हाथी आए दिन करंट से असमय जान गंवा रहे है। कलेक्टर ने करंट और हाईटेंशन तार के लूज पाइंट को चिन्हित कर हाथियों को बचाने प्रयास की गई थी। वन व बिजली विभाग संयुक्त रूप से सामंजस्य बनाकर चिन्हित 296 पाइंट को दुरुस्त करने का प्रस्ताव मुख्यायल में भेजते हुए सुधार करने का निर्देश दिया गया था, विडंबना यह रहा कि दोनों विभाग ने दिलचस्पी नही दिखाई। एक साथ तीन हाथियों के मौत के मामले में हाथियों की सुरक्षा की लापरवाही के चलते बीट गार्ड सन्यासी सिदार व डिप्टी रेंजर अजय खेत को विभाग ने निलंबित कर दिया है।
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल की अध्यक्षता में जनवरी माह में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय हाथी सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई। जिसमें जिले में विद्युत करंट से हुई हाथियों की मृत्यु के संबंध में समीक्षा की गई। जिसमे यह जानकारी सामने आई कि बीते वर्ष 2023 में 10 हाथी की मृत्यु हुई हैं जिसके पीछे की वजह मानव द्वंद है। 6 हाथियों में से एक हाथी की मृत्यु विद्युत तार की मानक ऊंचाई से कम होने पर उसकी चपेट में आने से हुई।
इसी प्रकार एक हाथी की शिकार हेतु बिछाए गए तार की चपेट में आने तथा चार हाथी की मृत्यु फसल सुरक्षा हेतु बिछाए करंट तार के कारण हुई है। इस समीक्षा में तार की मानक ऊंचाई अगर होती तो एक हाथी की जान बच सकती थी। वही वन अमला धरमजयगढ़ ने तत्परता दिखाते हुए 20223 में नवंबर माह में 296 प्वाइंट का सूची मुख्यालय भेजा गया है।
जबकि अब तक 821 लूज पाइंट को सुधार कराया गया है। जिस पर कलेक्टर ने ऐसे सभी लूज प्वाइंट को सुधार करने और एक माह के भीतर सभी विद्युत लाइन का मानक ऊंचाई अनुसार सुधार करने हेतु निर्देशित किया। लेकिन इस बैठक के बाद भी कलेक्टर के निर्देशानुसार भी विद्युत पोल के तारों को उपर करने में लापरवाही बरती गई है। जिससे तीन हाथी की मौत हो गई।
हाथियों की सबसे ज्यादा तादात और पड़ोसी जिले से आवजाही
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में 3 जिले से हाथियों का आना जाना बना रहता है। हर मौसम में ये हाथी धरमजयगढ़ से निकलकर या दूसरे जिले से यहां के जंगल आते है। जिसमें कोरबा, जशपुर, सरगुजा का अम्बिकापुर शामिल है। वहीं धरमजयगढ़ में वर्तमान में करीब 140 से अधिक हाथी विभिन्न वन परिक्षेत्र के जंगल में है इसके साथ ही उनके बच्चे भी बड़ी संख्या में है। जिसके चलते वे आक्रमकता का रूख ज्यादा अख्तियार कर विचरण कर रहे है।
तीन साल में 17 से अधिक हाथी की मौत
प्रदेश में सबसे अधिक हाथियों का झुंड रायगढ़ जिले में है । प्रदेश में 340 हाथी वन क्षेत्र में है। इसमे सबसे अधिक रायगढ़ जिले में है। 150 से अधिक हाथी रायगढ़ जिले के विभिन्न वनांचल क्षेत्र में स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं। वही 2023 में 9 हाथी विभिन्न प्रकरण में मौत के आगोश में समा चुके हैं। इस तरह 3 साल में 17 हाथी करंट की चपेट में आकर जान गवाएं है।