इंदौर में निकली सोने, चांदी और काष्ठ से बने 108 रथों की यात्रा…
इंदौर। जैन समाज द्वारा आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में आज सुबह से 108 रथों की सामूहिक रथयात्रा निकली। विजय नगर से शुरू होकर यह यात्रा अलग-अलग मार्गों से होकर निकली। इस समारोह में हजारों की संख्या में समाजजन शामिल हुए।
रथयात्रा वाले मार्ग पर यातायात प्रभावित न हो, इसलिए यातायात विभाग ने रूट प्लान जारी किया गया था। चल समारोह विजय नगर से शुरू होकर रसोमा चौराहा, एलआईजी चौराहा, एमआईजी थाने के सामने से होते हुए पाटनीपुरा, आस्था टॉकीज, भमोरी, आरके एलाइनमेंट, रसोमा चौराहा से होते हुए वापस विजयनगर चौराहा पर समाप्त हुआ।
यहां पर वाहनों के जाने पर रोक
इस दौरान विजयनगर चौराहा की ओर रेडिसन चौराहा, सत्यसाईं चौराहा, मेरियट होटल चौराहा और रसोमा चौराहा से आवागमन पूर्णत: प्रतिबंधित रहा। चल समारोह के दौरान सभी प्रकार के भारी वाहन, यात्री बस और व्यावसायिक वाहन जुलूस मार्ग में प्रतिबंधित रहे। भारी वाहन, बसें, व्यावसायिक, लोडिंग वाहन, बापट से विजयनगर की ओर से प्रतिबंधित थे
पहली बार एक साथ नजर आए 108 स्वर्ण-रजत, काष्ठ के रथ
इंदौर शहर में पहली बार देश के विभिन्न राज्यों से आए 108 रजत-स्वर्ण और अन्य रथ एक साथ नजर आए। अष्टाह्निका पर्व में विजय नगर बिजनेस पार्क पर आयोजित सिद्धचक्र महामंडल विधान के समापन पर सुबह आठ बजे रथ यात्रा का आयोजन किया गया।
इनमें दो स्वर्ण और 35 से ज्यादा रजत रथ शामिल रहे। साथ ही 150 वर्ष पुराने रथ भी शामिल रहे। इनकी ऊंचाई 10 से 20 फीट तक थी। कई रथ तीन मंजिला भी थे। आयोजकों के मुताबिक रथ बिहार, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश से बुलवाए गए थे।
जगह-जगह बनाए गए थे स्वागत मंच
5 किलोमीटर लंबे मार्ग पर निकली यात्रा का कई स्वागत मंचों से स्वागत हुआ। जगह-जगह रंगोली बनाई गई थी। इसमें जैन समाजजन आधे दिन अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रखकर शामिल हुुए। दिगंबर जैन संत मुनि प्रमाण सागर के सान्निध्य में निकली यात्रा विजय नगर, एलआइजी चौराहा, पाटनीपुरा चौराहा, भमोरी चौराहा, रसोमा चौराहे होते हुए दोबारा कार्यक्रम स्थल पर पहुंची।