छत्तीसगढ

अब तक 10 की मौत, 144 पॉजिटिव; कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना- ‘CIMS क्यों है बीमार’

बिलासपुर में स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण स्थिति चिंताजनक होती जा रही है. बिलासपुर जिले में अब तक स्वाइन फ्लू से संक्रमित 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें बाहरी जिले के तीन मरीजों की मौत बिलासपुर के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई है. वहीं मौतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है.

38 मरीज अभी भी स्वाइन फ्लू से हैं पीड़ित

छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मामलों में तेजी देखी जा रही है. राज्य के विभिन्न जिलों में कई लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. खासकर दुर्ग और बिलासपुर में स्वाइन फ्लू के आंकड़े सबसे ज्यादा डराने वाले हैं. दुर्ग में पांच मरीजों की जान चुकी है. वहीं बिलासपुर में सबसे ज्यादा 7 लोग स्वाइन फ्लू से अपनी जान गंवा चुके हैं. बिलासपुर जिले में अब तक स्वाइन फ्लू के 144 मरीज मिले हैं, जिनमें से 38 मरीजों का उपचार अभी भी जारी है.

स्वाथ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट

इस तरह बिलासपुर जिले में स्वाइन फ्लू के आंकड़े सबसे ज्यादा चिंता में डालने वाले हैं. इसे लेकर स्वाथ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. सभी मरीजों की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेनिंग की जा रही है और किसी भी लक्षण वाले मरीजों को पूरा उपचार दिया जा रहा है.

स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयासों के बीच बिलासपुर जिले में स्वाइन फ्लू के मामलों में आई तेजी और हाल में हुई सात मौतों के बाद सियासत गरमा गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार के व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस का आरोप है कि मौसमी बीमारियों और स्वाइन फ्लू के प्रकोप से निपटने में सरकार पूरी तरह विफल रही है और जिले स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.

इधर, जिले में बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामले को लेकर पूर्व विधायक शैलेश पाण्डेय ने सरकार को घेरा है और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को प्रदेश सरकार की नाकामी बताया.

टीकाकरण से मासूमों की मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को किया बेनकाब 

पूर्व विधायक शैलेश पाण्डेय ने कहा कि बिलासपुर में टीकाकरण से मासूमों की मौत ने सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को बेनक़ाब किया. लापरवाही के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई,क्यों? उन्होंने आगे कहा कि बिलासपुर में स्वाइन फ्लू, डायरिया, मलेरिया और डेंगू से हुई मौतों की जांच होनी चाहिए. CIMS क्यों बीमार है?  थाली बजाने से बीमारी नहीं दूर होगी. सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को रोकथाम के लिए पर्याप्त फण्ड क्यों नहीं दिया?

उन्होंने बिलासपुर AIMS को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिलासपुर में घोषित AIMS की स्थापना में डबल इंजन सरकार की रुचि क्यों नहीं ?

वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार पर खराब व्यवस्था का ठीकरा फोड़ा है. बीजेपी का कहना है कि प्रदेश की सरकार पूरी तरह सजग है  और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में लचर हुई स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधार रहे हैं, जिसे सुधारने में वक्त लगेगा.

बिलासपुर के 7 मरीज की स्वाइन फ्लू से गई जान

तमाम राजनीतिक बयानबाजी के बीच जिले में स्वाइन फ्लू के नए मामले रोजाना सामने आ रहे हैं और अब तक जिले के 7 मरीजों की मौत हो चुकी है. अब देखना होगा की स्वास्थ्य विभाग इन बढ़ते आंकड़ों को रोकने में कैसे और कब सफल हो पाता है.

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