वक्फ संपत्ति की परिभाषा में बदलाव  – अब केवल आधिकारिक रूप से वक्फ घोषित या दान की गई भूमि को ही वक्फ संपत्ति माना जाएगा।

वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती  – वक्फ बोर्ड को संपत्ति के स्वामित्व तय करने का अधिकार नहीं होगा, यह अब जिला कलेक्टर के अधीन होगा।

केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्य  – नए विधेयक में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है।

राज्य वक्फ बोर्ड की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव   – अब सदस्यों का चुनाव न होकर, उन्हें राज्य सरकार द्वारा नामित किया जाएगा।

विपक्ष का कड़ा विरोध और सरकार की सफाई  – विपक्ष ने इसे मुस्लिम मामलों में हस्तक्षेप बताया, जबकि सरकार ने इसे पारदर्शिता और कानूनी सुधार का कदम बताया।