महाशिवरात्रि के पावन मौके पर हम आपको बताएंगे कि कुछ योगासन ऐसे भी हैं, जिनका सीधा संबंध भोलेनाथ से है। ये योगासन आपके शरीर को निरोग बनाने में काफी ज्यादा मदद करेंगे।

नटराजासन  सबसे पहले बात करते हैं भगवान शिव के तांडव नृत्य का प्रतीक माने जाने वाले नटराजासन की। ये आसन शरीर के संतुलन को सुधारता है और एकाग्रता बढ़ाता है। नियमित रूप से इसे करने से मांसपेशियां लचीली बनती हैं और शारीरिक स्फूर्ति बढ़ती है। 

– इसे करने के लिए आपको सबसे पहले सीधा खड़ा होना है। – अब दाहिने पैर को पीछे उठाएं और दाहिने हाथ से टखने को पकड़ें। – बाएं हाथ को आगे की ओर सीधा फैलाएं, जैसे किसी लक्ष्य की ओर इशारा कर रहे हों। – शरीर का भार बाएं पैर पर रखें और धीरे-धीरे छाती को आगे झुकाएं। – कुछ देर तक ऐसे ही रहें और फिर सामान्य स्थिति में लौटें। – इसके बाद दूसरी टांग से इसे दोहराएं।

भुजंगासन ये आसन शरीर को ऐसे सर्प का आकार देता है, जो भगवान शिव के गले में विराजमान है। यदि आप भुजंगासन नियमित रूप से करेंगे तो इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होने लगेगी। इसकी वजह से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और सांस लेने की क्षमता भी बढ़ने लगती है। 

– भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को सीधा रखें। – अब हथेलियों को कंधों के पास जमीन पर रखें और कोहनियों को शरीर से सटाकर रखें। – गहरी सांस लें और हाथों पर दबाव डालते हुए छाती और सिर को ऊपर उठाएं। – इस दौरान अपने पेट को जमीन पर टिकाए रखें और गर्दन को हल्का पीछे झुकाएं। – इस मद्रा में आप 30 सेकेंड तक रहें और धीरे-धीरें सांस लेकर वापस आ जाएं। 

हनुमानासन हनुमान जी भोलेनाथ के ही अवतार हैं। ऐसे में आपको हनुमानासन के बारे में भी अवश्य पता होना चाहिए। इस आसन की वजह से कमर और कूल्हों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। ये आसन कमर दर्द को भी कम करता है। 

– इसे करने के लिए सबसे जमीन पर बैठ जाएं और लंबी सांस लेते हुए दाएं पैर को आगे बढ़ाएं। – इसके बाद बाए पैर को धीरे-धीरे पीछे खिसकाएं, जब तक दोनों पैरों के बीच दूरी न आ जाए। – अब हाथों को अपने सीने के पास प्रणाम मुद्रा में रखें या उन्हें ऊपर उठाएं। – गहरी सांस लें और कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में रहें। – धीरे-धीरे सांस छोड़ें और वापस सीधे खड़े हो जाएं।