हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष वसंत पंचमी की तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे शुरू हुई और 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे समाप्त होगी। इस दौरान महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान का ब्रह्म मुहूर्त 5:23 बजे से 6:16 बजे तक रहेगा। इस समय पवित्र संगम में स्नान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके बाद भी श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर सकते हैं।

आज अमृत वसंत, महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त

– महाकुंभ के दौरान पवित्र संगम में स्नान करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। – महाकुंभ में सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं, इसके बाद गृहस्थ जीवन जीने वाले लोगों को स्नान करने की अनुमति होती है। – स्नान करते समय पांच डुबकियां अवश्य लगानी चाहिए और मंत्रों का जाप करना चाहिए, तभी स्नान को पूर्ण माना जाता है। – स्नान के दौरान साबुन या शैंपू का उपयोग न करें, क्योंकि इसे पवित्र जल को अशुद्ध करने वाला माना जाता है।

महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान के नियम

हिंदू धर्म में महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति का शरीर शुद्ध होता है, सभी पापों से मुक्ति मिलती है, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त, बसंत पंचमी के दिन संगम तट पर अमृत स्नान करने से मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

अमृत स्नान का महत्व

तीसरे शाही स्नान को लेकर अखाड़ों में सर्वाधिक उत्साह महाकुंभ के दौरान महामंडलेश्वर की पदवी पाने वाले संतों के कैंप में है। रविवार को उनके कैंप में भक्तों की भारी संख्या दिखी। महाकुंभ के दौरान शैव अखाड़ों ने 80 से अधिक संतों को महामंडलेश्वर की उपाधि दी है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकों लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। जिसके तहत महाकुंभ नगर के साथ शहर व मंडल के सभी डॉक्टर सजग रहेंगे। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल और तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय में भी तैयारी पूरी। एसआरएन में पहले के अधिकतर मरीज यहां से डिस्चार्ज और 60 रेजिडेंट डॉक्टरों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है।

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वसंत पंचमी पर भी मुस्लिम समाज श्रद्धालुओं की आवभगत करेगा। मौनी अमावस्या पर भी मुस्लिम समुदाय ने अपने घरों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोले थे। अब वसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं के लिए मस्जिदों, इमामबाड़ों के दरवाजे खुले रहेंगे।

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