1. आधार अधिनियम (2016) – विवाद: निजता का उल्लंघन, मनी बिल के रूप में पास करना – नतीजा: कोर्ट ने वैध बताया, लेकिन निजी कंपनियों को आधार डेटा देने पर रोक लगा दी – 🗓 फैसला: 2018 में

2. नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) (2019)विवाद: मुसलमानों को बाहर रखकर समानता का उल्लंघन – नतीजा: मामला अभी लंबित है, सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसला नहीं दिया

3. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम (2019)विवाद: तीन तलाक को अपराध बनाना, मुस्लिम पुरुषों को निशाना बनाना – नतीजा: मामला अभी विचाराधीन

4. राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) अधिनियम (2014)विवाद: न्यायिक स्वतंत्रता पर खतरा – नतीजा: कोर्ट ने 2015 में इसे असंवैधानिक बताया, कॉलेजियम सिस्टम बहाल

5. आईटी नियम, 2021 (सोशल मीडिया/ओटीटी पर नियंत्रण)विवाद: अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक – नतीजा: कुछ प्रावधानों पर कोर्ट ने रोक लगाई, मामला चल रहा है

6. कृषि कानून (2020)विवाद: MSP की गारंटी नहीं, राज्यों के अधिकारों का हनन – नतीजा: सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई, सरकार ने खुद ही 2021 में कानून वापस लिया

7. दिल्ली संशोधन अधिनियम (2021)विवाद: उपराज्यपाल को ज्यादा ताकत देना, संघीय ढांचे का उल्लंघन – नतीजा: मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित

8. चुनावी बॉन्ड योजना (2017)विवाद: राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता खत्म होती है – नतीजा: सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में इसे असंवैधानिक बताया, डोनर की जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश

9. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम (2019)विवाद: अनुच्छेद 370 हटाना और राज्य को दो UT में बाँटना – नतीजा: सुप्रीम कोर्ट ने इसे वैध करार दिया (2023)

10. भारतीय न्याय संहिता (BNS), BNSS, BSA (2023)विवाद: IPC, CrPC, Evidence Act की जगह नए कानून, कुछ प्रावधानों पर आपत्ति – नतीजा: सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025विवाद: धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप, आर्टिकल 25 का उल्लंघन – नतीजा: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की सहमति दी है, फैसला अभी नहीं आया