रमज़ान में जुमे की नमाज़ पढ़ने से नेकियों का सवाब कई गुना बढ़ जाता है।
1. जुमे के दिन दुआएं कबूल होने का विशेष समय होता है जो रमज़ान में और भी शक्तिशाली हो जाता है।
रमज़ान और जुमे का संयुक्त बरकत मिलती है जिससे आध्यात्मिक उन्नति होती है।
पैगंबर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया कि जुमे से जुमे तक और रमज़ान से रमज़ान तक के गुनाह माफ हो जाते हैं।
1. रमज़ान में जुमे की नमाज़ से ईमान मज़बूत होता है और अल्लाह की रहमत और बरकत प्राप्त होती है।