Hiccups: क्यों आती हैं हिचकियां, कहीं ये कोई बीमारी तो नहीं? यहां मिलेगा आपके सभी सवालों का जवाब

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि डायाफ्राम की बार-बार होने वाली ऐंठन या अचानक होने वाली किसी समस्या के कारण आपको हिचकी आती है। डायाफ्राम वो मांसपेशी है जो आपकी छाती को पेट से अलग करती है।

क्यों आती है हिचकी? हिचकी आमतौर पर कुछ मिनटों तक रहती है और खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है। लेकिन, अगर हिचकी लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर की सलाह लें। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे मसालेदार या गर्म भोजन, पेट में जलन, अचानक तापमान में बदलाव, तनाव, या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं। इन सभी स्थितियों से डायाफ्राम में ऐंठन हो सकती है, जो हिचकी का कारण बनती है। 

कहीं ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं?   हिचकी को आमतौर पर कोई बीमारी नहीं माना जाता, लेकिन यदि यह लंबे समय तक जारी रहती है, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। इससे वेगस या फ्रेनिक तंत्रिकाओं में क्षति या जलन का संकेत हो सकता है, जो डायाफ्राम के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। थायरॉयड ग्रंथि या किसी सिस्ट के कारण भी ये तंत्रिकाएं प्रभावित हो सकती हैं। इसलिए, लंबे समय तक हिचकी रहने पर विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।

मेटाबॉलिज्म संबंधित समस्याएं जब आपका मेटाबॉलि्ज्म ठीक से काम नहीं कर रहा होता है, तो इसके कारण भी  लंबे समय तक हिचकी आ सकती है। मधुमेह, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और किडनी जैसी बीमारियों के कारण भी लंबे समय तक हिचकी आने की दिक्कत महसूस होती रह सकती है। अगर आपको मेटाबॉलिज्म की समस्या है तो इसका समय रहते उपचार प्राप्त करना आवश्यक हो जाता है। 

हिचकी से बचाव और रोकथाम के आसान उपाय हिचकी रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन अगर आपकी हिचकी कुछ मिनटों से ज्यादा समय तक बनी रहती है तो कुछ उपायों का मदद से इसमें आराम पाया जा सकता है। बर्फ के पानी से गरारे करें, अपनी सांस रोककर रखें और ठंडा पानी पिएं इससे आपको आराम मिल सकती है। हिचकी से बचाव के लिए कुछ उपाय आपके लिए मददगार हो सकते हैं।

– धीरे-धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाएं। – अत्यधिक मसालेदार और एसिडिक खाद्य पदार्थों से बचें। – गैस बनाने वाले पेय पदार्थों (सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स) से परहेज करें। – पानी धीरे-धीरे पिएं, विशेष रूप से हल्का गुनगुना पानी। – गहरी सांस लें और थोड़ी देर तक रोकें, फिर धीरे-धीरे छोड़ें। – अगर हिचकी लंबे समय तक बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श करें।