छत्तीसगढमनोरंजन

आजादी के बाद पहली बार घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने लिया टेलीविजन का आनंद

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे दक्षिणी छोर सुकमा जिले के अति- नक्सल प्रभावित और दुर्गम क्षेत्र पूवर्ती में विकास की एक नई किरण पहुंची है। आजादी के 78 साल बाद पहली बार इस गांव के लोगों ने दूरदर्शन पर देश-दुनिया की खबरें, धारावाहिक और स्थानीय फिल्में देखीं। पूवर्ती गांव के बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी दूरदर्शन के कार्यक्रमों को देखने के लिए घंटों टीवी सेट के पास बैठे रहे। इस पहल ने यह साबित किया है कि, विकास की तेजी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव हो रहा है। जिससे पूवर्ती, सिलगेर, टेकलगुड़ियम जैसे सुदूर गांवों में इस तरह की योजनाएं विकास और शांति का नया अध्याय लिख रही हैं।
इस ऐतिहासिक अवसर पर गांव के बच्चों ने ज्ञानवर्धक कार्यक्रम और कार्टून देखकर न केवल खुशी का अनुभव किया, बल्कि उनके चेहरे पर सीखने और उत्सुकता की झलक भी साफ देखी गई। यह पहल ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।

ग्रामीणों ने कहा- दूरदर्शन देखना किसी चमत्कार होने जैसा

ग्रामीणों ने कहा कि गर्मी के मौसम में सोलर पंखों से राहत मिलेगी। पंखा पाकर लोग बेहद खुश हैं। यह कदम उनके जीवन में नई ऊर्जा और उम्मीदें लेकर आया है। नियद नेल्लानार गांव की बंजाम मड़गू, बंडीपारा पूवर्ती ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे गांव में टीवी आएगा। पहली बार देश-दुनिया की खबरें और धारावाहिक देखकर ऐसा लग रहा है जैसे हम भी अब बाकी दुनिया से जुड़े हैं। सोलर लाइट और पंखे से अब रातें रोशनी से भर जाएंगी और गर्मी से भी राहत मिलेगी। यह हमारे लिए चमत्कार होने जैसा है। गांव के युवा नुप्पो हड़मा, तुमालपारा पूवर्ती ने कहा अब बच्चों को पढ़ाई करने में आसानी होगी, क्योंकि सोलर लाइट की मदद से रात को भी आसानी पढ़ सकेंगे। दूरदर्शन पर आने वाले ज्ञानवर्धक कार्यक्रमो से बच्चों को नई जानकारी मिलेगी।

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