मध्यप्रदेश

डाक्टर दंपती को दो दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, 10.50 लाख ऐंठे..

भोपाल। भोपाल में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। इस बार बदमाशों ने एक बुजुर्ग डाक्टर दंपती रिगल पैराडाइज कालोनी अवधपुरी निवासी 65 वर्षीय रागिनी मिश्रा और उनके पति महेश मिश्रा को सीबीआइ अधिकारी बनकर धमकाया और 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा।

शुक्रवार सुबह मामले की शिकायत भोपाल कमिश्नर तक पुलिस तक पहुंची। तब उन्हें गोविंदपुरा एसीपी दीपक नायक ने रेस्क्यू किया गया।इस दौरान साइबर ठगों और पुलिस के बीच वीडियो काल पर तीखी नोक-झोंक हुई। आरोपितों के झांसे में आने के बाद बुजुर्ग महिला ने गुरुवार को निफ्ट से 10.50 लाख रुपये आरोपितों की खाते में ट्रांसफर भी कर चुकी हैं। जालसाजों ने उन्हें जेट एयरवेज के मालिक मनी लांड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी दी थी।

जेट एयरवेज के मालिक का नाम लेकर बोले खाते में 427 करोड़ आए

दोनों डॉक्टर हैं और कानपुर प्रसूति शासकीय अस्पताल में पदस्थ रहे हैं। बीते कुछ सालों से भोपाल में रह रहे हैं।रागिनी ने बताया कि बुधवार की सुबह की सैर के दौरान एक फोन आया और बोला कि वह सीबीआइ मुंबई का अधिकारी है। कहा कि आपका निजी बैंक का खाता मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हो रहा है।इसमें में 427 करोड़ रुपये अवैध रूप से आए हैं। आरोपितों ने पीड़िता को भरोसा दिलाया कि केस की जांच कराई जाएगी।

बाद में उनको घर डिजिटल अरेस्ट करने की बात की और एक कमरे में उन्हें रहने के लिए कहा गया। जहां उन्होंने स्वयं को बंद कर लिया। पति के लौटने पर उन्होंने मामले की जानकारी दी। पति ने आरोपितों से बात की। उन्होंने उन्हें भी बातों में उलझा कर जांच में सहयोग करने की बात कही। इसके बाद पति और पत्नी को डिजिटल कैद में रख निगरानी की जाने लगी।

बैंक जाकर निफ्ट के माध्यम से जमा कर दिए 10.50 लाख

आरोपितों ने गुरुवार को महिला से कहा कि आपकी जांच में पूरी मदद की जाएगी। हम आपको फिलहाल अरेस्ट नहीं कर रहे हैं। लेकिन, सिक्योरिटी डिपाजिट के तौर पर आपको 10.50 लाख रुपए हमारे खाते में ट्रांसफर करना होंगे।गुरुवार की दोपहर को दो घंटे के लिए महिला को घर से निकली और बैंक पहुंचकर आरोपियों के खाते में रकम को ट्रांसफर कर दी।

एसीपी ने किया रेस्क्यू

महिला को शुक्रवार सुबह आरोपियों की करतूतों पर संदेह हुआ, उन्होंने पूर्व से डिजिटल अरेस्ट की कई खबरें भी पढ़ और देख रखी थीं। तब उन्होंने आरोपियों को बातों में उलझाया और पति को पुलिस से मदद के लिए कॉल करने के लिए कहा। पति दूसरे कमरे में काम का हवाला देकर पहुंचे और वहां से पुलिस कमिश्नर को काल कर दिया। पुलिस कमिश्नर ने एसीपी दीपक नायक को कॉल कर दंपती को रेस्क्यू कराने की बात कही। तब पुलिस उनकी मदद के लिए पहुंची।

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