नई दिल्ली: कांग्रेस लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी को मिल रही धमकियों से चिंतित है और इस मुद्दे पर दो स्तरों पर लड़ने की योजना बना रही है. पार्टी धमकियों के खिलाफ पूरे देश में सड़कों पर उतरेगी और इस तरह की टिप्पणी करने वालों से निपटने के लिए कानूनी कार्रवाई भी करेगी.
कांग्रेस का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी दलों के नेताओं की ओर से आ रही ऐसी धमकियां विपक्ष के नेता को नुकसान पहुंचाने की योजना का हिस्सा हैं, जो केंद्र सरकार से कड़े सवाल पूछ रहे हैं.
इंदिरा और राजीव गांधी की हत्या
इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार की चुप्पी देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि राहुल की दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भी उन लोगों ने हत्या कर दी थी, जो उनकी राजनीति के विरोधी थे.
31 अक्टूबर 1984 को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए सेना के अभियान के जवाब में इंदिरा गांधी को उनके दो अंगरक्षकों की गोली मार दी थी, जबकि 21 मई, 1991 को श्रीलंकाई आतंकवादी समूह लिट्टे की एक महिला आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी को विस्फोट में उड़ा दिया था.
राहुल गांधी को बनाया जा रहा निशाना
इस संबंध में AICC के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने ईटीवी भारत से कहा, “हमने सभी स्टेट यूनिट्स से अगले कुछ दिनों में राहुल गांधी को मिल रही धमकियों के खिलाफ विरोध जताने और लोगों को इस मुद्दे के बारे में बताने को कहा है.” उन्होंने कहा कि वह सामाजिक न्याय के चैंपियन हैं और इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. हम चुप बैठकर उन्हें इस तरह निशाना बनते नहीं देखेंगे.”
इस बीच बुधवार सितंबर को महिला कांग्रेस की सदस्यों ने देशभर में भाजपा कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया. युवा कांग्रेस के सदस्यों ने भी मंत्री बिट्टू की टिप्पणी के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन किया. दिल्ली और आंध्र प्रदेश यूनिट ने इस मुद्दे पर विरोध जताया. हालांकि, आने वाले दिनों में देशभर में होने वाले विरोध प्रदर्शन इस मुद्दे पर जनता का समर्थन जुटाने का कांग्रेस का तरीका होगा, लेकिन पार्टी ने कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई
चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने दिल्ली के तुगलक रोड थाने में चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिनमें भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह शामिल हैं, जिन्होंने 11 सितंबर को राहुल गांधी को खुलेआम धमकी दी थी. साथ ही भाजपा की सहयोगी पार्टी शिंदे के विधायक संजय गायकवाड़ ने राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये देने का वादा किया था, रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने 15 सितंबर को राहुल गांधी को आतंकवादी नंबर एक कहा था और यूपी के मंत्री रघुराज सिंह ने 16 सितंबर को राहुल गांधी को आतंकवादी नंबर वन कहा था.
पार्टी ने इन सभी के व्यक्तियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ जल्द से जल्द बीएनएस की धारा 351, 352, 353, 61 के तहत FIR दर्ज करने के लिए शिकायत दर्ज कराई है. महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं द्वारा गायकवाड़ के खिलाफ एक अलग शिकायत दर्ज कराई है.
विभिन्न भाजपा नेताओं और उसके सहयोगियों द्वारा दी गई धमकियां, जिसमें राहुल गांधी की हत्या या शारीरिक चोट पहुंचाने की बात कही गई है और देश के विपक्ष के नेता को आतंकवादी कहा गया है, हमारे नेता के खिलाफ भाजपा और एनडीए सहयोगियों की व्यक्तिगत नफरत को दर्शाता है.
AICC पदाधिकारी बीएम संदीप ने ईटीवी भारत को बताया कि इस तरह के बयान केवल आम जनता में अशांति पैदा करने, दंगा भड़काने और नफरत भरी टिप्पणियों के जरिए शांति भंग करने के उद्देश्य से दिए जाते हैं. राहुल गांधी लगातार समाज के वंचित वर्गों जैसे महिलाओं, युवाओं, दलितों और अन्य हाशिए के वर्गों से संबंधित मुद्दों को उठाते रहे हैं और भाजपा ऐसे जन केंद्रित मुद्दों को संबोधित करने में विफल रही है. हालांकि, यह भाजपा और उसके सहयोगियों को पसंद नहीं आया, इसलिए उपरोक्त नामित व्यक्तियों को विपक्ष के नेता पर इस तरह की नफरत भरी टिप्पणी करने के लिए नियुक्त किया गया है.