
काम करते करते बोर हो गए है, और किसी ऐसी जगह की तलाश में हैं जो आपको शुकून से भर दे तो, छत्तीसगढ़ के इस वाटरफॉल में जाना न भूले, कांकेर जिले का ताज कहे जाने वाले इस चर्रे मर्रे झरने का सौंदर्य बाकी झरनों से काफी अलग है। ये झरना बांकी झरनो के मुकाबले टेढ़ा मेढ़ा बहता है, चर्रे मर्रे झरना आपके शरीर और आत्मा को तरोताजा करने के लिए एक बेहतरीन जगह है।
और यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से दिसंबर तक का माना जाता है क्योंकि इस समय झरना पानी से लबालब भरा रहता है , इस झरने की उचाई करीब 16 मीटर है, यह झरना कांकेर से 85 किलोमीटर की दुरी पर अंतागढ़ आमाबेड़ा मार्ग पर पिंजारिन घाट पर स्थित है, जहाँ पहुंचने के लिए आपको करीब 400 सीढ़ी निचे उतरना पड़ेगा, और तब जाकर आपको एक ऐसा व्यू दिखेगा जो आपके मन को शांति और शुकून से भर देगा,
झरने के नीचे बने तालाब में पैर डालकर ठंडे पानी की ताजगी महसूस करना बेहद सुकूनभरा होता है. झरने के आसपास बड़े-बड़े पत्थरों पर बैठकर परिवार के साथ आराम और मौज – मस्ती का आनंद लिया जा सकता है. इसी के साथ वाॅच टाॅवर से चर्रे-मर्रे झरने का खूबसूरत फैलाव स्पष्ट दिखाई देता है, जो इसकी खास विशेषता है. सिर्फ बारिश के दिनों में ही नहीं ठंड के मौसम में भी माहौल गुलजार रहता है.ठंडे पानी की छोटी-छोटी बूंदें आपकी त्वचा को छूकर आपको तरोताजा महसूस कराएंगी। तो अगर आप भी शांति और प्राकृतिक सौंदर्य की तलाश में हैं, चार्रे मर्रे झरना आपके लिए एक बेहतरीन जगह हो सकती है।